पीसीओडी की समस्या एक आम समस्या बन गयी है, आज के समय में 10 में से 1 महिला पीसीओडी से ग्रसित है | लगभग 70% महिलाओं को पता ही नहीं होता की उनको पीसीओडी है | इसका पूरा कारण है आज की जीवनशैली, क्योंकि महिलाएं भी अब काम करने बाहर जाती है, नाईट शिफ्ट जॉब करती है |उनका खान पान नियमित समय पर नहीं होता | आज कल लाइफस्टाइल में इसको आम माना जाता है, कि लेट नाईट डिनर किया जाए | ज्यादातर लोग अब बाहर के खाने पर निर्भर भी हो गए है | इसके अलावा उनका रूटीन इतना व्यस्त हो जाता है कि वो अपने शरीर का ख्याल भी नहीं रख पाती और न ही व्यायाम, योगा आदि को अपनी दिनचर्या मे शामिल करती है | इन सब वजह से बायॉलजिकल क्लॉक डिस्टर्ब हो जाती है |
पीसीओडी क्या होता है | PCOD Kya hota hai | PCOD meaning in Hindi
महिलाओं को प्रभावित करने वाली एक समस्या है PCOD | महिलाओं में एन्ड्रोजन की अधिकता से होने वाला विकार है | अगर सीधे शब्दों में कहा जाए- एक एण्ड्रोजन नामक हार्मोन होता है, जो कि पुरुष शरीर में पाया जाता है, लेकिन यही हार्मोन जब महिला शरीर में बढ़ जाता है, तो उन्हें पीसीओडी की समस्या हो जाती है | इसकी वजह से अंडाशय यानी ओवरी में सिस्ट बनने लगती है | पीसीओडी का पूरा नाम (Full form of PCOD) है- पॉलिसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर(Polycystic Ovarian Disease/Disorder) है | इस बीमारी के कारण हार्मोन्स असंतुलित हो जाते है, जिनकी वजह से बहुत सारी बीमारियाँ महिला के शरीर में जन्म ले लेती है | पीसीओडी के कई तरह के लक्षण होते है, जिनको महिलाओं के शरीर में देखा जा सकता है-दर्द भरा व लम्बा मासिक धर्म, अनियमित माहवारी, चेहरे पर अनचाहे बाल, मुंहासे, बाल पतला होना, बाल झड़ना, गर्भपात होना, पेल्विक दर्द, माँ बनने में असफलता |
PCOD की वजह से कई तरह की बीमारी भी शरीर में जन्म ले लेती है जैसे- टाइप 2 डायबिटीज, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (सोते समय वायु प्रवाह में रुकावट आना व सांस लेने में परेशानी होना ), हृदय की समस्याएं, मोटापा, अवसाद की परेशानी, एन्ड्रोमेट्रियल कैंसर, ब्लड प्रेशर बढ़ना, दूसरे हॉरमोन का असंतुलित होना, नींद नहीं आना, थकान महसूस करना, सिर में दर्द होना, मूड का अचानक बदलना |
पीसीओएस क्या है | PCOS vs PCOD
पीसीओडी(PCOD) को पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS ) के नाम से भी जाना जाता है लेकिन इनमे अंतर है | PCOS पीसीओडी(PCOD) से ज्यादा सीरियस कंडीशन होती है | इसमें महिला के बढ़े हुए अंडाशय में कई छोटे सिस्ट्स पाए जाते हैं | पीसीओएस एक मेडिकल कंडीशन है जो की शरीर में हार्मोन्स का स्तर बढ़ा देता है, जिससे की हार्मोन्स असंतुलन हो जाते है | पीसीओएस में सिस्ट बढ़ जाती है लेकिन उससे भी ज्यादा समस्या की बात है हार्मोन्स का डिस्बैलेंस होना | यह एक तरह का मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है जो कि पीसीओडी से ज्यादा गंभीर है | इससे 6 से 12 फीसदी महिलाएं ग्रसित है |
पीसीओडी के लक्षण | PCOD Symptoms in Hindi
महिला अपने शरीर में कुछ लक्षणों से पता लगा सकती है की वह पीसीओडी से ग्रसित है या नहीं | आइए आगे जानते है कि क्या है वो लक्षण |
- अनियमित मासिक धर्म
- चेहरे पर अनचाहे बालो का आना
- श्रोणि में दर्द होना
- बाल का पतला होना और बाल का झड़ना
- मुंहासे की समस्या होना
- गर्भधारण करने में असमर्थ होना
पीसीओडी के कारण | PCOD ke Kaaran
- कम शारीरिक गतिविधि
- वजन का ज्यादा बढ़ना
- अस्वस्थ जीवनशैली
- सूजन
- खानपान में लापरवाही
- शरीर में इंसुलिन की मात्रा अधिक होना
- सिगरेट और शराब या किसी भी प्रकार के नशीली पदार्थों का सेवन करना
- PCOD की बीमारी जेनेटिक भी होती हैं, यह आपको आपके परिवार से भी मिल सकती है |
पीसीओडी से बचाव | Precautions
पीसीओडी एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसको ठीक किया जा सकता है | आप क्या खाते है, कैसा आपका लाइफस्टाइल है- इन सब बातो का प्रभाव आपके शरीर पर पड़ता है | यह उन महिलाओं को होता है जिनका हार्मोनल असंतुलन होता है | इसकी वजह से प्रेगनेंसी में समस्या आ सकती है |अगर पीसीओडी को ठीक करना है तो हार्मोन्स को बैलेंस रखना बहुत जरुरी है | अगर आप इस परेशानी से जूझ रहे है या फिर इससे बचना चाहते है तो इसके लिए आपको अपनी जीवनशैली में बदलाव करना पड़ेगा | नियमित रूप से व्यायाम, योगा, डाइट को संतुलित और सही समय पर लेना, बाहर के खाने से परहेज करना, खूश रहना, तनाव से दूर रहना, समय से सोना और उठना |
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पीसीओडी के घरेलू उपचार | PCOD Home Remedies in Hindi
- आपको अपने खान पान में बदलाव करना चाहिए |
- अगर आपका वजन बढ़ गया है तो उसको संतुलित करे |
- प्रतिदिन व्यायाम, योग, ध्यान करने की आदत डालें |
- तनाव से दूर रहना सीखे |
- नियामित नींद लेना बहुत अनिवार्य है |
- फाइबर युक्त चीजो का भरपूर मात्रा में सेवन करे |
- हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करे |
- मीठी चीज़ों से परहेज़ करे |
- नशीली पदार्थों का सेवन पूरी तरह बंद करना चाहिए |
- हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई फैट और कार्बोहाइड्रेट से परहेज करना चाहिए |
- अधिक तले और मसालेदार चीजों से दूर रहना चाहिए |
अपनी डाइट को बेहतर बनाये | Diet Chart
- जिन महिलाओं को पीसीओडी की समस्या है, उन्हें अपनी डाइट पर ध्यान देने की बहुत आवश्यकता है |
- फाइबर युक्त भोजन को अपनी डाइट में ज्यादा शामिल करे जैसे फल,दाल, हरी सब्जिया, दलिया आदि |
- कम तेल वाला खाना खाये |
- चाय-कॉफ़ी का परहेज करे, क्योंकि इसमें कैफीन होता है जो की आपके शरीर को नुकसान पंहुचा सकता है |
- घर का बना शुद्ध भोजन करें और प्रोसेस्ड खाने का परहेज करें |
- सॉफ्ट ड्रिंक से परहेज करे |
पीसीओडी की और ज्यादा जानकारी के लिए आप इस वीडियो को भी देख सकते है |
निष्कर्ष | Conclusion
यह समस्या अब आम होती जा रही है, जो मुख्य रूप से हार्मोन में असंतुलन के कारण होती है। आपके आस पास आपको कोई न कोई ऐसी महिला मिल जायेगी जो की इससे ग्रसित है, हो सकता आपको भी यह परेशानी हो, लेकिन आपको नहीं पता हो | आप क्या खाते है, कैसा आपका लाइफस्टाइल है, इन सब बातो का प्रभाव आपके शरीर पर पड़ता है | जिनकी वजह से आपको PCOD की समस्या होती है | ऊपर लिखे लक्षणों में आपको कोई भी लक्षण दिखता है तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करे, क्योंकि हो सकता है आप अभी ऐसी स्टेज पर हो कि इसको ठीक आसानी से किया जा सके | आखिर में हमारा यही सुझाव है की आपको भले ही यह समस्या न हो फिर भी आप अपनी डाइट का ध्यान रखे, अपनी जीवनशैली को स्वस्थ रखे |
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | FAQ
1.पीसीओडी में कौन से फल खाने चाहिए?
सेब, चेरी , अंगूर, ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी जैसे फल आप अपनी रोजाना की डाइट में शामिल करे | यह फल ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) में कम होते हैं, जो इंसुलिन संवेदनशीलता के लिए सहायक माने जाते है |
2.पीसीओडी का घरेलू उपचार क्या है ?
फल, दाल, हरी सब्जिया, दलिया जैसी चीजे खाये, नियमित रूप से व्यायाम, योगा करे, समय से भोजन करे और तरल पदार्थ से परहेज करे |
3.पीसीओडी कितने दिन में ठीक होता है?
पीसीओडी 3 से 7 दिन में भी ठीक हो सकता है अगर आप घरेलु उपाय करते हो और डॉक्टर के निर्देशानुसार दवाई लेते हो, लेकिन जिन महिलाओं को ज्यादा समस्या है उनको 3 महीने तक भी लग सकते है | पीसीओडी कोई बीमारी नहीं है , यह एक ऐसी समस्या है जो की हार्मोन्स के डिस्बैलेंस से होती है, अगर हार्मोन्स बैलेंस हो जाते है तो यह भी ठीक हो जाती है |
4.पीसीओडी की प्रॉब्लम क्या होती है?
महिलाओं के शरीर में पुरुष हार्मोन यानी एण्ड्रोजन बढ़ जाता एवं अन्य अंडाशय पर सिस्ट बनने लगती है |
5.पीसीओडी को कैसे पहचानें ?
इसकी पहचान अल्ट्रासाउंड से हो जाती है इसमें एक टेस्ट होता है TVS (Transvaginal ultrasound), इसकी मदद से आप पता लगा सकते है की आपको पीसीओडी है या नहीं | इसके आलावा भी कुछ लक्षण से आप इसका अंदाजा लगा सकते है जैसे की दर्दभरा व लम्बा मासिक धर्म,अनियमित महावारी, चेहरे पर अनचाहे बाल, मुहांसे, बाल पतला होना,बाल झड़ना, गर्भपात होना, पेल्विक दर्द |
6.क्या होता है जब महिला को PCOS हो ?
PCOS पीसीओडी से ज्यादा सीरियस कंडीशन होती है इसमें महिला के बढ़े हुए अंडाशय में कई छोटे सिस्ट्स पाए जाते हैं।
7.पीसीओडी में क्या न खाएं ?
कम तेल वाला खाना खाये, चाय-कॉफ़ी, प्रोसेस्ड खाने का परहेज करें |
8.पीसीओडी में पीरियड्स क्यों नहीं आते ?
- पीसीओडी में हार्मोन्स संतुलित नहीं रहते जिसकी वजह से पीरियड्स समय से नहीं आ पाते |
- मीठी चीज़ों से परहेज़ करे |
- नासिली पदार्थो का सेवन पूरी तरह बंद करे |
9. पीसीओडी को जड़ से खत्म कैसे करें ?
पीसीओडी को घरेलु उपचार से ठीक किया जा सकता है |
- खान पान में बदलाव करना चाहिए |
- बढे वजन को कम करे |
- प्रतिदिन व्यायाम करे |
- तनाव से दूर रहे और खुश रहने की कोशिश करे |
- समय से सोये और उठे |
- फाइबर चीजो का भरपूर मात्रा में सेवन करे |
- हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करे |
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