सूर्य नमस्कार | Surya namaskar
सूर्य नमस्कार एक योग है, एक साधना है, और योगासनों में सर्वश्रेष्ठ है | यह अकेला अभ्यास ही संपूर्ण योग है जिसके करने से आप सभी योग का लाभ ले सकते हैं | सूर्य नमस्कार में 12 योगासन है जो कि आपके शरीर को दुरुस्त बनाने में बहुत योग्य है | अगर आप सुबह सूर्य उदय के बाद लगभग 20 मिनट तक इसका अभ्यास करते हैं तो यह आपको शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बनाने में लाभकारी रहेगा | ऐसा माना जाता है कि सूर्य नमस्कार करने से, ब्रह्मांड से शरीर को ऊर्जा मिलती है जो की आपको स्वस्थ बनाने के लिए बहुत ही उपयोगी है |
क्या होता है सूर्य नमस्कार ?
सूर्य नमस्कार का मतलब है सूर्य को नमन करना, अगर आप योग में आना चाहते हैं और अगर आप स्वस्थ रहने के लिए योग को माध्यम बनाना चाहते हैं तो आपको योग की शुरुआत सूर्य नमस्कार से करनी चाहिए क्योंकि यह सबसे बेहतर अभ्यास है | अगर आप रोज सूर्य नमस्कार के12 चरण को अच्छे से करते हैं तो यह आपके दिमाग को भी सक्रिय और एकाग्र बनाएगा और नियमित अभ्यास से शरीर दुरुस्त बनेगा | सूर्य नमस्कार को किसी भी आयु का व्यक्ति कर सकता है चाहे वह पुरुष हो, महिला हो या बच्चे हो |
सूर्य नमस्कार के फायदे | Benefits of surya namaskar | Surya namaskar ke fayde
1. मोटापा कम करने में लाभकारी
सूर्य नमस्कार एक ऐसा अभ्यास है जिसमें बहुत तरह की क्रियाएं की जाती है जिसकी वजह से शरीर की चर्बी को दूर किया जा सकता है | इसको करने से व्यक्ति मोटापे से छुटकारा पा सकता है |
2. कब्ज की समस्या को दूर करता है
सूर्य नमस्कार के अभ्यास से पेट की चर्बी तो कम होती है उसके अलावा पेट की कब्जी को भी दूर करने में सहायक है |
3. शरीर को लचीला बनाने में उपयोगी
अगर आप सूर्य नमस्कार के अभ्यास को नियमित रूप से करते हैं तो यह आपके शरीर को बहुत लचीला बना देता है और शरीर को स्फूर्ति प्रदान करता है |
4. पाचन तंत्र को मजबूत करता है
अगर किसी व्यक्ति का पाचन तंत्र कमजोर है तो उसको बहुत सारी पेट की समस्या होने लगती हैं, जैसे गैस की समस्या, कब्ज की समस्या, पेट दर्द की समस्या | सब समस्याओं से अगर छुटकारा पाना चाहते हैं तो सूर्य नमस्कार करना अनिवार्य है |
5. शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाता है
सूर्य नमस्कार एक आसान ही नहीं एक साधना भी है जो कि आपको शारीरिक रूप से तो मजबूत बनाती ही है उसके साथ-साथ आपको मानसिक रूप से भी मजबूत बनाने में मदद करती है |
6. मासिक धर्म के लिए लाभकारी
अगर आप सूर्य नमस्कार का अभ्यास रोजाना सुबह खाली पेट करते हैं तो यह मासिक धर्म को नियमित करता है और पीसीओडी, पीसीओसी जैसी परेशानियों से बचाता है |
7. त्वचा को चमकदार बनाता है
सूर्य नमस्कार के अभ्यास से आप के शरीर से पसीना निकलता है,उसके साथ ही टॉक्सिक चीजों को भी बाहर निकालता है और शरीर में खून का सही से प्रभाव होता है और त्वचा को चमकदार बना देता है |
8. जोड़ों और मांसपेशियों को मजबूत बनाने में उपयोगी
सूर्य नमस्कार में बहुत तरह के आसन होते हैं जिनकी वजह से आपके जोड़ों और मांसपेशियों को मजबूती मिलती है |
9. ब्लड प्रेशर को ठीक करने में सहायक
ब्लड प्रेशर यानी कि उच्च रक्तचाप, यह एक गंभीर समस्या है | अगर यह समस्या किसी व्यक्ति को हो गई है तो उसे पूरे जीवन दवाईयों पर निर्भर रहना पड़ता है | लेकिन अगर आप सूर्य नमस्कार की किर्याओं का सहारा लेते हैं तो यह आपको ब्लड प्रेशर से निजात दिला सकता है, क्योंकि जब आप सूर्य नमस्कार करते हैं तो शरीर में खून अच्छे से प्रवाह होने लगता है और दिल की नसों को मजबूत बनाता है, जिसकी वजह से उच्च रक्तचाप नियंत्रित हो जाता है |
सूर्य नमस्कार मंत्र | Surya namaskar mantra in hindi
- ॐ ध्येयः सदा सवितृ-मण्डल-मध्यवर्ती, नारायण: सरसिजासन-सन्निविष्टः
- केयूरवान् मकरकुण्डलवान् किरीटी, हारी हिरण्मयवपुर्धृतशंखचक्रः
- ॐ मित्राय नमः
- ॐ सूर्याय नमः
- ॐ पूष्णे नमः
- ॐ सवित्रे नमः
- ॐ भास्कराय नमः
- ॐ भानवे नमः
- ॐ रवये नमः
- ॐ खगाय नमः
- ॐ हिरण्यगर्भाय नमः
- ॐ मरीचये नमः
- ॐ आदित्याय नमः
- ॐ अर्काय नमः
- ॐ श्रीसवितृसूर्यनारायणाय नमः
सूर्य नमस्कार के 12 आसन | Surya namaskar step by step
विधि
- आसन के दो तिहाई भाग को पीछे और तिहाई भाग को आगे छोड़कर खड़े हो |
- एड़ियां मिली हुई, पंजे खुले हुए, और दोनों हाथ शरीर के साथ लगे हो |
- शरीर को सीधा रखे और साँस सामान्य रहे |
1. पहली स्थिति: प्रणामासन (Pranamasana – The Prayer Pose)
दोनों हाथ जोड़ते हुए छाती के सामने लाएं, अंगूठा मूलहृदय गुहा के निकट हो, अंगूठा व उंगलियां आपस में मिली हुई तथा थोड़ी आगे झुकी हुई हो | कोहनियाँ सीधी रहे और ज़मीन के समानांतर कंधे तनाव रहित हो और आंखें कोमलता से बंद हो |
इस आसन के फायदे: शरीर को बहुत सुकून मिलता है, मन शांत होता है और एकाग्रता की भावना पैदा होती है
2. दूसरी स्थिति: हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana – Raised Arms Pose)
साँस भरते हुए और दोनों हाथो को कानों से सटाते हुए, आसमान की ओर उठाये | हाथो में कंधों जितनी चौड़ाई हो | हाथ और गर्दन को एक साथ पीछे की ओर ले जाएं |
इस आसन के फायदे: गर्दन, छाती और कंधो की अकड़ाहट कम करता है |
3. तीसरी स्थिति: पादहस्तासन (Padahastasana – Standing Forward Bend)
साँस को छोड़ते हुए हाथों को कानों से सटाते हुए कमर के भाग से नीचे की ओर झुके | माथा घुटने से लगाए | घुटने सीधे रखें, दोनों हथेलियां, पैरों के दाएं-बाएं ज़मीन पर रखें, उंगलियां व अंगूठे मिले रहे |
इस आसन के फायदे : पैरों को मजबूत बनाता है, शरीर में लचीलापन लाता है और पाचन तंत्र को मजबूत करता है |
4. चौथी स्थिति: अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana – Equestrian Pose)
सांस को अंदर खींचे और बाएं पैर को पीछे की ओर पूरी लंबाई में ले जाए | पंजा खड़ी स्थिति में रहे कमर नीचे हो, छाती आगे की ओर निकली हुई हो, गर्दन पीछे की ओर रखें |
इस आसन के फायदे: गुर्दो के कार्य में सुधार करता है और घुटनो और टखने को मजबूत करता है |
5. पांचवी स्थिति: दंडासन (Dandasana – Staff Pose )
सांस को बाहर छोड़ते हुए दाएं पैर को पीछे ले जाए | शरीर को पीछे धकेलते हुए, एड़ियां मिलाकर जमीन से लगा दे, ठोड़ी कंठ कूप में लगी रहे |
इस आसन के फायदे: मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी को, हाथो को, पैरों को और कमर को मजबूत बनाता है |
6. छठी स्थिति: अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskara – Eight Limbed pose or Caterpillar pose)
सांस को भरते हुए शरीर को आगे की ओर लाकर सीधा करें, ताकि शरीर, हाथ और जमीन के द्वारा त्रिकोण की स्थिति बने | घुटने, छाती और माथा ज़मीन पर लगाए, पैर थोड़ा सा ऊपर उठा रहे |
इस आसन के फायदे: शरीर को आराम दिलाता है और हार्ट के लिए लाभकारी एवं रक्तचाप की परेशानी से राहत दिलाता है |
7. सातवीं स्थिति: भुजंगासन (Bhujangasana – Cobra Pose)
शरीर को आगे की ओर धकेलते हुए, सांस भरकर कोहनियाँ सीधी करें | छाती को आगे की ओर निकाले, गर्दन को पीछे की ओर ले जाए |
इस आसन के फायदे: पेट, कमर, हाथ और गर्दन को लचीला और मजबूत बनता है और पाचन शक्ति बढ़ाता है |
8. आठवीं स्थिति: अधोमुख शवासन (Adho Mukha Svanasana – Downward-facing Dog Pose)
इसे पर्वतासन भी कहा जाता है। सांस को छोड़ते हुए, पैरों को और हाथ को जमीन पर लगा रहने दे और बीच में से शरीर को उठाये, गर्दन को अंदर झुकाये और ठोड़ी कंठ कूप में लगाए |
इस आसन के फायदे: जांघों, घुटने, और एड़ियों को मजबूत बनाता है |
9. नौवीं स्थिति: अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana – Equestrian Pose)
इस आसन को आपको दोबारा दोहराना है, फिर से सांस को अंदर खींचे और एक पैर को आगे की तरफ और दूसरे पैर को पीछे की तरफ ले जाए | पीछे वाले पैर का घुटना जमीन पर लगा रहे और आगे के पैर का घुटना मोड़े, गर्दन सीधी रखें और ऊपर की ओर देखें |
इस आसन के फायदे: गुर्दो को, घुटनो को और टखने को मजबूत करता है |
10. दसवीं स्थिति: पादहस्तासन (Padahastasana – Hand Under Foot Pose)
सांस को छोड़े और पीछे वाले पैर को आगे वाले पैर के पास लाये, घुटने सीधे रहे और हथेली जमीन से लगी हो और गर्दन अंदर की तरफ झुकी हो |
इस आसन के फायदे: पैरों की मासपेशियों को मजबूत बनाता है, शरीर में लचीला बनाने के साथ साथ पाचन तंत्र को भी मजबूत करता है |
11.ग्यारहवीं स्थिति:. हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana – Raised Arms Pose)
गहरी सांस ले और सीधे खड़े हो जाए, हाथ बिल्कुल सीधे रखें और दोनों हाथ कानों को छूते हुए पीछे की तरफ जाएंगे जितना हो सके |
इस आसन के फायदे: गर्दन, छाती और कंधो की अकड़ाहट कम करता है और शरीर को मजबूत बनाता है |
12.बारवीं स्थिति: प्रणामासन (Pranamasana – The Prayer Pose)
आखिरी में सीधे खड़े हो जाए, और हाथो को पीछे से लाते हुए, हाथो को जोड़े और नमस्कार मुद्रा में आ जाये |
इस आसन के फायदे: शरीर को बहुत सुकून मिलता है और मन शांत रहता है |
सूर्य नमस्कार के लिए कुछ सावधानियां – Precautions for Surya Namaskar In Hindi
सूर्य नमस्कार एक ऐसा अभ्यास है जो कि आपके पूरे शरीर को चुस्त और दुरुस्त बनाता है | इसके साथ-साथ आपकी मानसिक गतिविधियों को भी संतुलित रखता है, लेकिन इसको करने से पहले कुछ सावधानियों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है क्योंकि अगर आप सावधानी नहीं बरतेंगे तो इससे फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है | आईए जानते हैं सूर्य नमस्कार की कुछ सावधानियों के बारे में-
- अगर किसी को कमर दर्द की समस्या है तो इस आसन को न करें |
- गर्भवती महिलाओं को सूर्य नमस्कार से परहेज करना चाहिए |
- मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को इस अभ्यास को नहीं करना चाहिए |
- हर्निया और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को इस आसन से परहेज करना चाहिए |
- सूर्य नमस्कार करने के तुरंत बाद कभी नहीं नहाना चाहिए, कम से कम 15 से 30 मिनट का गैप करना जरूरी है |
- अगर इस आसन से आप बहुत ज्यादा फायदा लेना चाहते हैं तो हर एक स्टेप को अच्छे से सीखना चाहिए और तभी इसको करने का प्रयास करना चाहिए |
- यह ध्यान रखना जरुरी है कि कब आपको सांस छोड़नी है और कब साँस को खींचना है |
- अगर किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की चोट लगी है या फिर रीड की हड्डी में किसी भी तरह की परेशानी है तो वह डॉक्टर की परामर्श के बिना इस अभ्यास को ना करें |
निष्कर्ष | Conclusion
सूर्य नमस्कार एक बहुत ही अच्छा अभ्यास है | यह आपके शरीर को काफी लाभ पहुंचता है | सूर्य नमस्कार को सुबह में सूर्य उदय के समय करें | चेहरा सूरज के सामने होना चाहिए और इस व्यायाम को धीरे-धीरे करने की कोशिश करें | अगर आप अच्छा रिजल्ट चाहते हैं तो कम से कम 13 बार जरूर करें और खाली पेट ही इस अभ्यास को करें | अगर आप शुरूआती दौर में है तो 6 बार भी इसको कर सकते हैं लेकिन अपने शरीर पर ज्यादा जोर ना डालें | धीरे-धीरे अपना समय बढाए और फिर समय बढ़ाते जाए | अगर आपको हमारा यह आर्टिकल अच्छा लगा है तो हमें जरूर बताये और अगर आप किसी और टॉपिक पर कोई जानकारी चाहते हैं तो हमें जरूर लिखें | हम उस टॉपिक से रिलेटेड जानकारी आपको जरूर देंगे |
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